���ैद्युत आवेश तथा क्षेत्र VVI OBJECTIVE TEST

���िर्वात् की वैद्युतशीलता का मात्रक है
���ूलॉम²/न्यूटन - मीटर²
���्यूटन - वोल्ट/मीटर²
���्यूटन - मीटर²/कूलॉम
���्यूटन/कूलॉम
���ुछ दूरी पर स्थित दो इलेक्ट्रॉनों के बीच गुरुत्वीय तथा स्थिर वैद्युत बलों के बीच अनुपात है
10⁴³
10³⁹
10-³⁹
10-⁴³
+1 u C तथा +4 u C के दो आवेश एक - दूसरे से कुछ दूरी पर वायु में स्थित हैं। उन पर लगने वाले बलों का अनुपात है
1:4
4:1
1:1
1:16
���ो समान आवेशों Q तथा Q को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर एक ओवेश q रख दिया जाता है यह तीन आवेशों का निकाय सन्तुलन में होगा, यदि q का मान होगा
- Q/2
- Q/4
+ Q/4
+ Q/2
���ो बिन्दु – आवेश पहले वायु में तथा फिर K परावैद्युतांक वाले माध्यम में उतनी ही परस्पर दूरी पर रखे जाते हैं। दोनों दशाओं में आवेशों के बीच लगने वाले बलों में अनुपात है
1:K
K:1
1:K²
K²:1
���िसी वैद्युतरोधी माध्यम का परावैद्युतांक K हो सकता है
-3
0
0.7
6.0
���ायु में रखे दो धनावेशों के मध्य परावैद्युत पदार्थ रख देने पर इनके बीच प्रतिकर्षण बल का मान
���ढ़ जायेगा
���ट जायेगा
���ही रहेगा
���ून्य हो जायेगा
���ैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक है
���्यूटन – कूलॉम
���ूलॉम/न्यूटन
���्यूटन /कूलॉम
���ूल/न्यूटन
���ैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक है
���ोल्ट/मीटर
���ोल्ट/मीटर²
���ोल्ट - मीटर
���ोल्ट - मीटर²
���िम्नलिखित में कौन - सा वैद्युत क्षेत्र का मात्रक नहीं है?
���्यूटन - कूलॉम-¹
���ोल्ट - मीटर-¹
���ूल - कूलॉम-¹
���ूल - कूलॉम-¹ - मीटर-¹
���क वैद्युत क्षेत्र विक्षेपित कर सकता है
���क्स - किरणों को
���्यूट्रानों को
���ल्फा - कणों को
���ामा किरणों को
���क प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन एकसमान वैद्युत क्षेत्र में स्थित है
���न पर लगने वाले वैद्युत बल बराबर होंगे
���लों के परिमाण बराबर होंगे
���नके त्वरण बराबर होंगे
���नके त्वरणों के परिमाण बराबर होंगे
���क ऐल्फा - कण 15 × 10⁴ न्यूटन / कूलॉम के वैद्युत क्षेत्र में स्थित है। उस पर लगने वाले बल का मान होगा
4.8 × 10-¹⁴ न्यूटन
4.8 × 10-¹⁰ न्यूटन
8.4 × 10-¹⁴ न्यूटन
8.4× 10-¹⁰ न्यूटन
���स वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता, जो 10-4 सेमी त्रिज्या वाली जल की बूँद को (जिस पर एक इलेक्ट्रॉन का आवेश है) वायु में स्थिर लटका सके, होगी: (g = 10 न्यूटन / किग्रा)
2.62 ×10³ न्यूटन / कूलॉम
2.62 ×10⁴ न्यूटन / कूलॉम
2.62 x 10⁵ न्यूटन / कूलॉम
2.62 ×10⁶ न्यूटन / कूलॉम
���ैद्युत क्षेत्र E में P आघूर्ण वोले द्विध्रुव पर लगने वाला बल - आघूर्ण है
P.E
P×E
���ून्य
E×P
���ैद्युत द्विध्रुव एक वेक्टर होता है, जिसकी दिशा होती है
���त्तर से दक्षिण की ओर
���क्षिण से उत्तर की ओर
���न से ऋण आवेश की ओर
���ण से धन- आवेश की ओर
���ैद्युत फलक्स का मात्रक है
���ोल्ट/मीटर
���्यूटन/कूलाॅम
���्यूटन×मीटर/कूलाॅम
���ोल्ट×मीटर
���क बन्द पृष्ठ के भीतर n वैद्युत द्विध्रुव स्थित है। बन्द पृष्ठ से निर्गत कुल वैद्युत कुल वैद्युत फ्लक्स होगा
Ne/ɛo
2e/co
2n e/Eo
���ून्य
���कसमान आवेशित गोलीय कोश के पृष्ठ पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता 104 न्यूटन / कूलॉम है। कोश के केन्द्र से इसके व्यास के बराबर दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
5 न्यूटन / कूलॉम
250 न्यूटन/कूलॉम
2500 न्यूटन/कूलॉम
25000 न्यूटन/कूलॉम
R1 व R2 त्रिज्याओं के दो चालक गोलों के पृष्ठों पर आवेशों के पृष्ठ घनत्व बराबर हैं। पृष्ठों पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात है
1:1
5:1
K:1
���वेश का एक खोखला गोला वैद्युत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता
���िसी आन्तरिक बिन्दु पर
���िसी बाहरी बिन्दु पर
2 मीटर से अधिक दूरी पर
5 मीटर से अधिक दूरी पर
���क आवेशित गोलीय चालक में वैद्युत क्षेत्र गोले के भीतर शून्य होता है तथा गोले के बाहर भी शून्य होता है
���ोले के भीतर शून्य होता है तथा गोले के बाहर भी शून्य होता है
���ोले के भीतर शून्य होता है तथा गोले के बाहर दूरी बढ़ने के साथ कम होता जाता है
���ोले के भीतर शून्य होता है तथा गोले के बाहर दूरी के वर्ग के साथ कम होता जाता है
���ोले के भीतर अधिकतम होता है तथा गोले के बाहर शून्य होता है
���िम्नलिखित में से कौन - सी राशि व्युत्क्रम - वर्ग नियम का पालन नहीं करती है?
���क बिन्दु - आवेश के कारण वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
���क वैद्युत द्विध्रुव के कारण दूरस्थ बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
���क वैद्युत द्विध्रुव के कारण अक्षीय स्थिति में दूरस्थ बिन्दु पर वैद्युत विभव
���क आवेशित गोले के कारण गोले के बाहर किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
���लेक्ट्रॉन के आवेश एवं द्रव्यमान का अनुपात होगा
1.77 × 10¹¹ कूलॉम / किग्रा
1.9 × 10¹² कूलॉम / किग्रा
1.6 × 10-¹⁹ कूलॉम / किग्रा
3.2 × 10¹¹ कूलॉम / किग्रा
2 कूलॉम के दो बराबर व विपरीत आवेश परस्पर मीटर की दूरी पर रखे गये हैं। निकाय का वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण होगा
6 × 10-⁸ कूलॉम - मीटर
8 × 10-² कूलॉम - मीटर
1.5 × 10² कूलॉम - मीटर
8 × 10-⁶ कूलॉम - मीटर
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